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एनेस्थिसियोलॉजी

अवलोकन

एचसीजी में विशेषज्ञ एनेस्थिसियोलॉजिस्ट की एक टीम है, जो विशेष रूप से ऑन्को एनेस्थीसिया के क्षेत्र में और कैंसर के मरिजों पर की जाने वाली जटिल, उच्च जोखिम वाली सर्जरी को संभालने के लिए प्रशिक्षित हैं।

प्रक्रिया से गुजरने के दौरान, चाहे वह प्रक्रिया कितनी भी छोटी या बड़ी क्यों न हो 'एनेस्थीसिया' देने के लिए एक कट लगाने की आवश्यकता होती है। कट के कारण होनेवाला दर्द और तनाव सर्जरी या चिकित्सा प्रक्रिया के बाद स्वास्थ्य लाभ को प्रभावित कर सकता है।

इसलिए, प्रक्रिया या सर्जरी के दौरान रोगी को सुरक्षित और आरामदायक रखना यही एनेस्थीसिया का मुख्य उद्देश्य है।

किसी भी प्रकार की शारीरिक संवेदना और दर्द के एहसास को थोडे समय के लिए अवरुध्द करने की प्रक्रिया को एनेस्थीसिया कहा जाता है। इसमें एक साधारण लोकल एनेस्थीटीक इंजेक्शन शामिल हो सकता है, जो शरीर के विशेष क्षेत्र को सुन्न करता है या कोई दवाई जो बेहोशी पैदा कर सकती है, उसे सामान्य (जनरल) एनेस्थीसिया के रूप में भी जाना जाता है। इस क्षेत्र में प्रशिक्षित विशेषज्ञ डॉक्टर को एनेस्थिसियोलॉजिस्ट कहा जाता है, जो सर्जरी या प्रक्रिया से पहले, प्रक्रिया के दौरान और प्रक्रिया के बाद में मरीज के आराम, सुरक्षा और समग्र स्थिति के लिए जिम्मेदार होता है।

जबकि ऑन्कोलॉजिस्ट और ऑन्कोसर्जन की भूमिका को काफी अच्छी तरह समझा गया है, लेकिन कैंसर के निदान के समग्र परिणाम को सुविधाजनक बनाने के लिए कैंसर के मरीजों के पेरिऑपरेटिव प्रबंधन के अलावा उनकी ऑपरेशन से पहले की देखभाल, बहुआयामी कैंसर देखभाल, पोस्ट-ऑपरेटिव दर्द प्रबंधन और इच्छित ऑन्कोलॉजिकल थेरेपी (आरआईओटी) में जल्दी वापसी में एनेस्थीसिया या एनेस्थेसियोलॉजिस्ट कैसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं यह कई लोग नहीं जानते हैं।

एनेस्थेटिक्स को या तो इंजेक्शन के रूप में, अंतःशिरा में, साँस से गैस अंदर लेकर, टोपिकल स्प्रे, पैच या एक तरल के रूप में भी दिया जाता है ।

एनेस्थीसिया के प्रकार

बायोप्सी की तरह शरीर के किसी विशेष क्षेत्र को सुन्न करने के लिए इस प्रकार के एनेस्थीसिया की सिफारिश की जाती है। इसमें मरीज जागृत रहता है और चारों ओर होने वाली हर चीज से अवगत होता है।

रीजनल एनेस्थीसिया शरीर के बड़े हिस्से जैसे हाथ, पैर या कमर के नीचे के हर अंग में दर्द के एहसास को रोकता है। यद्यपि मरीज प्रक्रिया के दौरान जागृत रहता है, लेकीन जब तक एनेस्थीसिया का प्रभाव समाप्त नहीं हो जाता तब तक सुन्न क्षेत्र में मरीज किसी भी प्रकार की गतिविधि या दर्द महसूस नहीं कर सकता।

महत्वपूर्ण सर्जरी के दौरान अत्यधिक सिफारस की जानेवाली और ज्यादातर पसंद की जाने वाली, जनरल एनेस्थीसिया पूरे शरीर में दर्द की संवेदना और जागरूकता को अवरुध्द करता है। मरीज पूरी प्रक्रिया के दौरान बेहोश रहता है और एनेस्थेटिक्स का प्रभाव धीरे-धीरे समाप्त हो जाने के बाद वापस होश में आ जाता है ।

एचसीजी में एनेस्थिसियोलॉजी यूनिट

एचसीजी में विशेषज्ञ एनेस्थिसियोलॉजिस्ट की एक टीम है, जो विशेष रूप से ऑन्को एनेस्थीसिया के क्षेत्र में और कैंसर के मरीजों पर की जाने वाली जटिल, उच्च जोखिम वाली सर्जरी को संभालने के लिए प्रशिक्षित हैं।

ये विशेषज्ञ डॉक्टर कैंसर रोगियों के प्रबंधन में प्रीऑपरेटिव केयर, इंट्राऑपरेटिव मैनेजमेंट से लेकर पोस्ट-ऑपरेटिव क्रिटिकल केयर और दर्द प्रबंधन में निपुण हैं।

यह 'सर्जरी के बाद वर्धित स्वास्थ्य लाभ (ईआरएएस)' और कैंसर के लिए विशिष्ट ऑनको एनेस्थीसिया को लागू करके हासिल किया जाता है, जिसके कारण अस्पताल में रहने के समय को कम करता है और काम पर जल्दी वापसी का समर्थन करता है।

पूरी तरह से दर्द से राहत यह उनकी सबसे पहली प्राथमिकता है, चाहे बायोप्सी हो या कोई जटिल सर्जरी हो वे आराम और तेजी से स्वास्थ्य लाभ सुनिश्चित करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

बायोप्सी और सर्जरी जैसी कम इनवेसिव या अधिक इनवेसिव प्रक्रियाएं करते समय दर्द को सुन्न करने और मरीज को सुलाने के लिए एनेस्थीसिया दिया जाता है। यह प्रक्रिया के अनुसार या तो लोकल एनेस्थीसिया, जनरल एनेस्थीसिया या रिजनल एनेस्थीसिया हो सकता है। गहरी बेहोशी की स्थिति में एनेस्थीसिया इंजेक्शन के रूप में, आईवी या यहां तक ​​कि गोली या तरल के रूप में दिया जा सकता है।

जटिल प्रक्रिया से गुजरते समय एनेस्थेटिक्स पर रहना सुरक्षित है। हालांकि, सभी जटिल प्रक्रियाओं में कुछ जोखिम शामिल होती हैं। विशेषज्ञ एनेस्थेटिस्ट मरीज की हृदय गति, रक्तचाप में उतार-चढ़ाव, श्वास, ऑक्सीजन का स्तर और एलर्जी प्रतिक्रियाओं सहित महत्वपूर्ण बातों पर नज़र रखते है, और उसके अनुसार खुराक को समायोजित करते है। वरिष्ठ वयस्कों को भी प्रक्रिया के बाद बेसुधी या भ्रम का खतरा होता है और जब तक एनेस्थेटिक्स का प्रभाव कम नहीं हो जाता, तब तक उन्हें अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है।

एनेस्थीसिया देना बहुत सुरक्षित है; हालांकि, कुछ रोगियों को मतली, मुँह का सुखापन, गले में खराश, शरीर में दर्द, चक्कर आने की शिकायत हो सकती है जो 24 घंटों में दूर हो जाएगी। कभी-कभार, कुछ मरीजों को एक सप्ताह तक बेसुधी या भ्रम, चीजों को याद रखने में कठिनाई का अनुभव हो सकता है।

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